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News श्री माहेश्वरी समाज जयपुर के इतिहास में पहली बार चांदपोल मोक्षधाम के नवीनीकरण पर ध्यान दिया गया है एवं सर्वधर्म मोक्षधाम चांदपोल के नवीनीकरण विकास एवं नियमित संचालन योजना का शुभारंभ कर दिया गया है। श्री माहेश्वरी समाज जयपुर के इतिहास में पहली बार चांदपोल मोक्षधाम के नवीनीकरण पर ध्यान दिया गया है एवं सर्वधर्म मोक्षधाम चांदपोल के नवीनीकरण विकास एवं नियमित संचालन योजना का शुभारंभ कर दिया गया है। | श्री माहेश्वरी समाज जयपुर के इतिहास में पहली बार चांदपोल मोक्षधाम के नवीनीकरण पर ध्यान दिया गया है एवं सर्वधर्म मोक्षधाम चांदपोल के नवीनीकरण विकास एवं नियमित संचालन योजना का शुभारंभ कर दिया गया है। श्री माहेश्वरी समाज जयपुर के इतिहास में पहली बार चांदपोल मोक्षधाम के नवीनीकरण पर ध्यान दिया गया है एवं सर्वधर्म मोक्षधाम चांदपोल के नवीनीकरण विकास एवं नियमित संचालन योजना का शुभारंभ कर दिया गया है। | माहेश्वरी बन्धुओं की सेवा के लिए महेश सेवा कोष में अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करें। आप सहयोग राशि ऑनलाइन भेजने के लिए उपरोक्त लिंक का उपयोग करें। आप द्वारा दी गई सहयोग राशि पर आयकर की धारा 80जी में छूट है। माहेश्वरी बन्धुओं की सेवा के लिए महेश सेवा कोष में अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करें। आप सहयोग राशि ऑनलाइन भेजने के लिए उपरोक्त लिंक का उपयोग करें। आप द्वारा दी गई सहयोग राशि पर आयकर की धारा 80जी में छूट है। | सभी समाज बन्धुओं को महेश नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं / | सभी बन्धुओं से वैब साइट से सम्बन्धित सुझाव आमंत्रित हैं | माहेश्वरी बन्धुओं के लिए नि: शुल्क एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध | माहेश्वरी बन्धुओं की सुविधा के लिए समाज कार्यालय में ई-मित्र संचालित किया जा रहा है। | वैब साइट पर विज्ञापन के माध्यम से अपने व्यवसाय में वृद्धि करें विज्ञापन दर : वार्षिक रुपए 50000/-, अर्द्ध वार्षिक रुपए 30000/-एवं मासिक रुपए 7000/ 12*3.5 INCH Size | जयपुर नगर निगमों की 31 जनवरी 2020 को निर्धारित सीमा में निवास कर रहे माहेश्वरी बन्धुओं की नई जनगणना का कार्य मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रारम्भ | COVID + माहेश्वरी बन्धुओं को नि: शुल्क परामर्श हेतु एपैक्स हास्पिटल के सहयोग से COVID -19 हैल्पलाइन 9024177987 संचालित है |
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About Maheshwari Samaj

सूर्यवंशी राजाओं में चौहान जाति के खडगल सेन राजा सेन राजा खण्डेला नगर में राज्य करते थे। वह बडे़ दयालु आर न्याय प्रिय थे। उनके राज्य में प्रजा बड़े सुख से रहती थी। मृग और मृगराज एक घाट पानी पीते थे। राजा को हमेशा एक यही चिन्ता रहती थी कि उनके एक भी पुत्र नीं था। एक समय राजा ने बड़े आदर भाव से जगत् गुरू ब्राह्मणों को अपने यहाँ बुलाकर उनका बड़ा सत्कार किया। राजा की सेवा भक्ति से ब्राह्मण लोग बड़े संतुष्ट हुए। ब्राह्मणों ने राजा को वर माँगने को कहा। तब राजा ने कहा कि मेरे पुत्र नहीं है, कृपा करके मेरी इच्छा पूरी करायें। तब ब्राह्मणों ने राजा से कहा कि यदि आप शिव की उपासना करोगे तो आपको एक होनहार, पराक्रमी और चक्रवर्ती पुत्र प्राप्त होगा परन्तु उसे सोहल वर्ष तक उत्तर दिशा में मत जाने देना और जो उत्तर दिशा में सूर्य कुण्उ है, उसमें स्नान मत करने देना। यदि वह ब्राह्मणों से द्वेष नहीं करेगा तो चक्रवर्ती राज करेगा, अन्यथा इसी देह से पुर्नजन्म लेगा। इस प्रकार ब्राह्मणों का आशीर्वाद प्राप्त कर राजा बड़ा प्रसन्न हुआ। राजा... Read More

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